Monday, December 17, 2018

قطر للبترول تستحوذ على 35% من حقول نفط بالمكسيك

دبي، الإمارات العربية المتحدة ( )-وقعت شركة قطر للبترول اتفاقية، الأحد، مع شركة إيني الإيطالية، تستحوذ بمقتضاها الشركة القطرية على  حقول نفطية بالمكسيك.
وبحسب بيان لشركة إيني على موقعها الإلكتروني، وقع العقد سعد بن شريدة الكعبي وزير الدولة القطري لشؤون الطاقة والرئيس التنفيذي لشركة قطر للبترول وكلاوديو ديسلالي الرئيس التنفيذي لشركة إيني.
قال الرئيس التنفيذي لشركة "إيني"، كلاوديو ديسلالي: "أن توقيع هذه الاتفاقية، يأتي ضمن نطاق التعاون الاستراتيجي الأوسع مع شريكنا طويل الأجل، قطر للبترول، في المكسيك وغيرها.. وتطوير المنطقة 1 في المياه الضحلة لخليج كامبيتشي يسير على الطريق الصحيح لتوفير أول إنتاج بحري من قبل شركة أجنبية بعد إصلاح الطاقة في المكسيك ".
وقررت إيني ضخ ملياري دولار استثمارات في تطوير المنطقة، وستحتفظ الشركة الإيطالية بحصة 65% من حق الامتياز وحق الإدارة.
وتشارك شركة قطر للبترول مع إيني الإيطالية بالفعل في إنتاج النفط في موقع آخر ضمن نفس المنطقة بالمكسيك.
 وقع الاتفاقية سعد شريدة الكعبي، وزير الدولة لشؤون الطاقة والرئيس التنفيذي لشركة قطر للبترول، وكلاوديو ديسالتزي، الرئيس التنفيذي لشركة إيني
كانت إيني قد فازت بمزايدة إمتياز العمل في المياه الضحلة لخليج كامبيتشي، في سبتمبر/أيلول 2015، حيث تصل احتياطيات المنطقة إلى 2.1 مليار برميل من النفط المكافئ في حقول  و  و  . ، وحفرت الشركة الإيطالية حتى الآن 5 آبار بالمنطقة.
ومن المقرر أن يبدأ الإنتاج المبكر للنفط منتصف العام المقبل 2019 بواقع 8 آلاف برميل يوميا، على أن يرتفع إلى 90 ألف برميل يوميا مع الوصول إلى مرحلة الإنتاج الكامل مطلع عام 2021، بالإضافة إلى ما يعادل 95 ألف برميل من النفط المكافئ.
دبي، الإمارات العربية المتحدة ( )-- كشف رئيس الحكومة التونسية يوسف الشاهد، أن المملكة العربية السعودية، قررت تقديم مساعدات مالية واستثمارات لتونس بقيمة إجمالية بلغت 2.450 مليار دينار (824.2 مليون دولار)، وفقا لوكالة الأنباء التونسية الرسمية.
وقال الشاهد في تصريحات، السبت، على هامش الزيارة التي قام بها للمملكة العربية السعودية، إن المساعدات المالية والاستثمارات السعودية، توزعت بواقع 1.5 مليار دينار (504.6 مليون دولار)، لتمويل الميزانية، و600 مليون دينار (201.8 مليون دولار)، لتفعيل خط تمويل التجارة الخارجية، إضافة إلى 350 مليون دينار (117.7 مليون دولار) في شكل استثمارات.
وبحسب وكالة الأنباء السعودية الرسمية (واس)، فقد وصل رئيس الحكومة التونسية يوسف الشاهد مساء الخميس إلى العاصمة السعودية الرياض، في زيارة استمرت يومين، وكان في استقباله بمطار الملك خالد الدولي الأمير محمد بن عبدالرحمن بن عبدالعزيز نائب أمير منطقة الرياض.
ووفقا لـ"واس"، فقد تم بحضور خادم الحرمين الشريفين الملك سلمان بن عبد العزيز آل سعود ورئيس الحكومة التونسية يوسف الشاهد، توقيع اتفاقيتين ومذكرة تفاهم بين حكومتي السعودية وتونس، الأولى اتفاقية قرض مشروع التنمية الفلاحية المندمجة في جومين وغزالة وسجنان ( المرحلة الثانية) بين الصندوق السعودي للتنمية والجمهورية التونسية، والثانية اتفاقية قرض مشروع تحسين التزود بالماء الصالح للشرب بالوسط الريفي بولاية بنزرت بين الصندوق السعودي للتنمية والجمهورية التونسية.
كما تم توقيع مذكرة تفاهم منحة سعودية لمشروع صيانة جامع الملك عبدالعزيز في العاصمة تونس، بين المملكة العربية السعودية والجمهورية التونسية.

Sunday, December 2, 2018

خبراء: "البغدادي" بحوزة جهاز مخابراتي ولن يعلن عنه لهذه الأسباب

قال سامح عيد الباحث المصري في حركات الإسلام السياسي، إن هناك احتمالية لوجود أبو بكر البغدادي لدى أحد أجهزة المخابرات الدولية.

وأضاف عيد في تصريحات خاصة إلى "سبوتنيك"، أنه في حال وجوده لدى أحد الأجهزة فإنها لن تعلن عن ذلك لعدة أسباب، على رأسها المخاطر التي قد تتعرض لها إثر ذلك الإعلان، واستهداف سفاراتها في الخارج واحتمالية تنفيذ عمليات كبرى داخلها من قبل أعضاء التنظيم.

وتابع أنه في حال عدم القبض عليه فإن احتمالية وجوده في ليبيا كبيرة، خاصة في ظل الصحراء الممتدة، وكذلك الفراغ الأمني والنزاعات الموجودة هناك، مما يساهم في جذب العديد من العناصر إلى الصحراء الشاسعة وتدريبهم فيها.

وفيما يتعلق بإلقاء القبض على عدد من مساعديه وعدم القبض عليه بشكل علني حتى الآن، أوضح أن التنظيم يتبع استراتيجية خاصة في هذا الإطار، حيث تدرب عناصرها على الصمود لفترة 48 ساعة، وخلال هذه الساعات يقوم التنظيم بتغيير أماكن تواجد القيادات العليا، ويضع حساباته لأية عمليات مفاجئة من قبل الجيوش أو القوات التي تحاربه.

خبير سوري

في الإطار ذاته، قال العميد محمد عيسى الخبير العسكري السوري، إن أبو بكر البغدادي هو شخصية صنعت من أجل تحقيق الأهداف المحددة لها.

وأضاف في تصريحات خاصة إلى "سبوتنيك" أن الشخصية الغامضة المسماة بأبو بكر البغدادي ستستمر حتى لحظة بعينها، وبعدها سيتم الإعلان عن مقتله كما حدث مع أسامة بن لادن في السابق.

وشدد على أن المخابرات الأمريكية التي تشرف على نقل عناصر داعش من مكان لآخر قد تكون على دراية بمكان تواجده، أو أنها هي من توفر له الحماية حتى يؤدي المهمة الموكلة له في المنطقة.


وكانت قوات سوريا الديمقراطية المدعومة من الولايات المتحدة، أعلنت اليوم الجمعة 30 نوفمبر/ تشرين الثاني، أنها ألقت القبض على قيادي بارز في تنظيم "داعش" عمل مساعدا لزعيم التنظيم أبو بكر البغدادي الذي أطلق على نفسه لقب "خليفة".

وأعلن في مرات عدة سابقة عن مقتل البغدادي، إلا أن الأمر لم يؤكد حتى الآن من جهات رسمية، كما لم يؤكد التنظيم الأمر ، خاصة أنه ظهر في تسجيل صوتي خلال الفترة القليلة الماضية وهدد العالم بهجمات أكثر شراسة.

Wednesday, November 14, 2018

पत्रकार पर प्रतिबंध : सीएनएन ने किया ट्रंप प्रशासन पर मुकदमा

केबल न्यूज़ नेटवर्क (सीएनएन) ने व्हाइट हाउस की ओर से अपने वरिष्ठ पत्रकार जिम एकोस्टा की मान्यता रद्द किए जाने के मामले में ट्रंप प्रशासन के ख़िलाफ मुकदमा दायर किया है.
जिम एकोस्टा व्हाइट हाउस में सीएनएन के मुख्य संवाददाता थे. बीते हफ़्ते अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के साथ बहस के बाद उनका 'प्रेस हार्ड पास' वापस ले लिया गया था.
नेटवर्क ने आरोप लगाया है कि ये एकोस्टा के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है.
ये मुकदमा मंगलवार को वाशिंगटन में दायर किया गया और इसमें राष्ट्रपति ट्रंप और उनके दूसरे सहयोगियों को प्रतिवादी बनाया गया है.
इन अधिकारियों में चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ जॉन केली और व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स शामिल हैं.
सारा सैंडर्स ने एकोस्टा का पास रद्द करने का कारण अस्वीकार्य आचरण को बताया था. उन्होंने मंगलवार को कहा कि जिम एकोस्टा सीएनएन के करीब 50 हार्ड पास धारकों में से एक हैं. ऐसा पहली बार नहीं है जब उन्होंने दूसरे पत्रकारों को सवाल पूछने से अनुचित ढंग से रोका है.
उन्होंने कहा, ''अगर कोई रिपोर्टर इस तरह व्यवहार करता है तो व्हाइट हाउस व्यवस्थित और निष्पक्ष प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं कर सकता. ये एक पेशेवर के लिए सही नहीं है. ''
इस घटना के बाद सारा सैंडर्स ने ट्वीट करके एकोस्टा पर ''अपना काम कर रही एक महिला को जबरन हाथ से रोकने की कोशिश'' का आरोप भी लगाया था.
सारा ने ये बात उस महिला के लिए कहीं जो व्हाइट हाउस में इंटर्न हैं और प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जिम एकोस्टा से माइक लेने की कोशिश कर रही थीं.
हालांकि, एकोस्टा ने व्हाइट हाउस के आरोपों को गलत बताया और कहा कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है.
बाद में सारा सैंडर्स ने उस वीडियो का एक ज़ूम किया हुआ क्लिप भी शेयर किया. इस वीडियो को लेकर विशेषज्ञों का कहना था कि की स्पीड से छेड़छाड़ की गई है.
इसके बाद व्हाइट हाउस कॉरस्पॉन्डेंट्स एसोसिएशन ने ट्रंप प्रशासन से ये फैसला वापस लेने की अपील की थी.
ये घटनाक्रम सात नवंबर का है जब एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डोनल्ड ट्रंप और एकोस्टा के बीच कुछ सवालों को लेकर बहस हो गई थी. इसके एक दिन बाद उनका पास रद्द कर दिया गया.
संवाददाता जिम एकोस्टा अमरीकी राष्ट्रपति से मेक्सिको के शरणार्थियों और मेक्सिको से अमरीका की ओर बढ़ रहे प्रवासियों के एक काफ़िले के बारे में सवाल करना चाहते थे.
लेकिन इस सवाल के बीच में ही ट्रंप के दफ़्तर में तैनात एक महिलाकर्मी ने पत्रकार के हाथ से माइक झपटने की कोशिश की.
इस दौरान अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने भी ये कहना शुरू कर दिया कि "बहुत हुआ, बहुत हुआ... बस करिए". ट्रंप ने जिम एकोस्टा को माइक नीचे रखने के लिए भी कहा.
इसके बाद डोनल्ड ट्रंप ने कहा, "सीएनएन को ख़ुद पर शर्मिंदा होना चाहिए कि आप उनके लिए काम करते हैं. जिस तरह का व्यवहार आपने सारा सैंडर्स की टीम की मेंबर के साथ किया, वो निंदनीय है."
मुकदमे के बाद सीएनएन ने एक बयान में कहा है, ''हमने कोर्ट से आदेश पर तत्काल रोक लगाने और जिम अकोस्टा का पास लौटाने का आग्रह किया है और हम इस प्रक्रिया के तहत स्थाई राहत मांगेगे.''
''भले ही ये मुकदमा सीएनएन और एकोस्टा की तरफ़ से है लेकिन ये किसी के भी साथ हो सकता है. व्हाइट हाउस हमारे चुने गए अधिकारियों को कवर करने वाले पत्रकारों पर इस तरह ख़तरनाक प्रभाव डाल सकता है.''

Wednesday, October 17, 2018

निकाय चुनाव में 69% वॉर्डों में एक भी वोट नहीं पड़ा, सिर्फ 186 में वोटिंग

जम्मू-कश्मीर में 13 साल बाद शहरी स्थानीय निकाय चुनाव कराए गए। इन चुनावों में कश्मीर में सबसे कम वोटिंग हुई। कश्मीर के कुल 598 वॉर्डों में से 69% पर एक भी वोट नहीं पड़ा।

चुनाव आयोग द्वारा जारी आकड़ों के मुताबिक, कश्मीर के 10 जिलों के 40 नगर निकाय के 598 वॉर्डों में मतदान हुआ। लेकिन इनमें से केवल 186 वॉर्डों में वोदिल्ली के भाजपा प्रवक्ता प्रवीण कपूर का मानना है कि गर्भनिरोधक इंजेक्शन का इस्तेमाल सिर्फ शादीशुदा महिलाओं को ही करना चाहिए। इसका इस्तेमाल करने से लड़कियों की सेहत खराब हो रही है। कपूर ने इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नेपी नड्डा और महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी को पत्र लिखा है। उनका कहना है कि इसे रोकने के लिए सरकार को इस पर दखल देना चाहिए।
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, कपूर का कहना है कि सरकार ऐसी व्यवस्था करे जिससे गर्भनिरोधक इंजेक्शन सिर्फ शादीशुदा महिलाओं को ही उपलब्ध हों, न कि लड़कियों को। उन्होंने इससे जुड़े विज्ञापनों की जांच कर रोक लगाने की मांग की है। उनका कहना है कि सरकार इस जरूरी मुद्दे पर अस्पतालों को निर्देश जारी करे।
मामले की जांच कराने की मांग : कपूर का कहना है कि यौन माफिया इन इंजेक्शन का लड़कियों पर दुरुपयोग करते हैं। इसकी भी जांच की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बयान के आधार पर भले ही उन्हें रुढ़िवादी कहा जाए, लेकिन उनका चिंता लड़कियों की सेहत और सुरक्षा को लेकर है।
ट पड़े। 412 वॉर्डों में एक भी वोट नहीं डाले गए। इसके चलते इन वॉर्डों में कोई उम्मीदवार नहीं जीता। हालांकि, बाद में कुछ वॉर्डों में सदस्य निर्विरोध चुने गए। सरकार ने मतदान केंद्रों और चुनाव अफसरों की सुरक्षा मुस्तैद रखी थी। लेकिन, सुरक्षा कारणों के चलते उन सभी उम्मीदवारों की पहचान गुप्त रखी थी, जिन्होंने आतंकवादी खतरों को खारिज करने की सुरक्षा की

231 वॉर्डों में निर्विरोध सदस्य चुने गए
इसके चलते, काफी सीटों पर प्रचार ही नहीं हुआ। इनमें से ज्यादातर सीटों पर अनाम उम्मीदवार ने ही जीत हासिल की। कश्मीर के 30% से ज्यादा वॉर्ड बिना जनप्रतिनिधि रहेंगे। 181 वॉर्डों (30.26%) में किसी उम्मीदवार ने नामांकन पत्र ही नहीं भरा। 598 वॉर्डों में से 231 (38.62%) पर निर्विरोध सदस्य चुने गए।

20 अक्टूबर को नतीजे
जम्मू-कश्मीर में शहरी स्थानीय निकाय चुनाव 8-16 अक्टूबर तक चार चरणों में मतदान हुआ। जम्मू और श्रीनगर नगर निगमों समेत राज्य में कुल 1,145 वार्डों में 2,990 उम्मीदवार हैं। इन चुनावों के नतीजे 20 अक्टूबर को आने हैं।

अनुच्छेद 35ए हटाने की कोशिशों का विरोध 
नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने इन चुनावों में अपने उम्मीदवार नहीं उतारे। दोनों पार्टियों ने अनुच्छेद 35ए को लेकर चुनाव का बहिष्कार किया। वहीं, भाजपा और कांग्रेस ने ज्यादातर सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं।

Thursday, September 6, 2018

Scientology-Boss in Basels Promi-Himmel gewählt

Das Magazin «Who is Who» wählt jährlich die prominentesten Basler Persönlichkeiten. Die aktuelle Ausgabe überrascht und führt auch den umstrittenen Scientologen Patrick Schnidrig auf.

Das neunköpfige Komitee des prominenten Nachschlagewerks «Who is Who in Basel» hat entschieden und die 200 prominentesten Persönlichkeiten von Basel dieses Jahres auserkoren. Darunter sind FCB-Supertalent Breel Embolo, Miss- Schweiz-Kandidatin Monika Buser oder Roche-CEO Severin Schwan. Pikant: Auch der umstrittene Scientology-Kirchenchef Patrick Schnidrig ist auf der Liste vertreten. Genauso wie seine «Nemesis» Thomas Erlemann, der grösste Scientology-Bekämpfer der Stadt.
Erlemann seinerseits hat gemischte Gefühle zur Aufnahme in den Promi-Zirkel. «Einerseits freue ich mich natürlich», sagt er. «Andererseits ist es ein Skandal. Ein Scientologe hat auf dieser Liste meiner Meinung nach nichts verloren», betont er. «Er war selber nie in den Medien. Er hat nichts Positives für die Stadt Basel getan», so Erlemann weiter. Er habe seine Kritik zur Wahl bereits bei Herausgeber Fabian Schwarzenbach an der Afterparty im Hotel Les Trois Rois deponiert.
Wahl wurde hitzig diskutiert
Der Basler Medienwissenschaftler und Journalist Schwarzenbach löste im Sommer dieses Jahres den Gründer und bisherigen Herausgeber Eugen Baumgartner ab. Er kann die Reaktionen zur Wahl des Scientology-Chefs durchaus nachvollziehen. «Die Personalie Schnidrig wurde von der Jury bereits im Vorfeld hitzig diskutiert», sagt er. Einige aus Schwarzenbachs Umfeld denken, dass die ganze Angelegenheit dem Magazin schaden könnte. Nicht einmal er selber goutiert den Entscheid des Komitees.
Ausschlaggebend für die Wahl des «Sektenchefs» sei laut Schwarzenbach aber der aktuelle Konflikt im Iselin-Quartier. Zwar sei Schnidrig im Vergleich zu seinem grössten Gegner Erlemann nie gross in der Öffentlichkeit aufgetreten. «Er hat aber im Hintergrund die Fäden gezogen», so Schwarzenbach. «Er konnte die Regierung überzeugen, dass Scientology als eine religiöse Gemeinschaft definiert wurde», begründet Schwarzenbach.
Patrick Schnidrig war am Sonntag nicht für eine Reaktion zu erreichen.
Wie Uriella und Mike Shiva
Für Sektenexperte Georg Otto Schmid sind «Radikale auf Promi-Listen keine Neuheit». Als Beispiele nennt er Mike Shiva und Uriella. Medial könne er den Entscheid des Magazins zwar nachvollziehen. Ethisch sei es aber unhaltbar. «Ich würde Scientology-Mitglieder auf keinen Fall in so eine Wahl einbinden», so Schmid. Ein falscher Eindruck der öffentlichen Akzeptanz mache sich sonst breit und das sei gefährlich. Trotzdem habe er keine Bedenken, dass der «Sektentempel» im Iselinquartier nun mehr Zulauf kriegen werde.